अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों को वही बनाना चाहते हैं| जिसमें वह खुद सफल रहे हैं. ऐसा ज्यादातर फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति में होता है. लेकिन क्रिकेट में भी ऐसा हो रहा है. भारतीय टीम के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का बेटा अर्जुन तेंदुलकर भी क्रिकेटर है और वह क्रिकेट भी खेलना चाहता है. लेकिन शायद सफल होने के लिए उनके पिता उन्हें मदद या सपोर्ट नहीं करते हैं.
आपने भाई भतीजावाद के बारे में काफी सुना होगा. जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई थी तो उसके बाद इसे काफी उछाला गया था. यह सिर्फ फिल्म इंडस्ट्रीज मैं ही नहीं हो रहा है बल्कि क्रिकेट जगत में भी हो रहा है.
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भाई भतीजावाद को इसलिए सबसे ज्यादा बुरा माना जाता है क्योंकि जो लोग इसके असली हकदार होते हैं. वह वंचित रह जाते हैं. यह बात को कई सुपरस्टार भी कबूल कर चुके हैं. कई एक्टर को स्टार किड्स की वजह से अच्छी फिल्में मिलते मिलते रह जाती है. कई एक्टर को फिल्म में लेने के बाद स्टार किड्स की वजह से निकाल दिया जाता है.
हालांकि भाई भतीजावाद बॉलीवुड के मुकाबले में क्रिकेट में कम देखा जाता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण सचिन तेंदुलकर है l 22 साल के सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर एक अच्छा क्रिकेटर है और कई टीमों के लिए अब तक खेल चुका है. कई मैचों में तो बेहतरीन प्रदर्शन भी किया है.
अर्जुन तेंदुलकर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और बाएं हाथ के बल्लेबाज है. इस साल अर्जुन तेंदुलकर आईपीएल मैच में मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे. आईपीएल 2022 में सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस के मेंटोर भी रहे हैं.